नमस्कर दोस्तो हमारा देश भारत अंतरिक्ष की ओर बहुत तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है जैसे कि आप लोगों को पता होगा कि भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी इसरो ने 14 जुलाई 2023 में चंद्रयान-3 को लांच किया था जिसे 23 अगस्त को चाँद पर सफलतापूर्वक लेंड भी कर दिया है। चंद्रयान 3 के बाद इसरो ने सूरज पर जाने के लिए नया कदम उठाया है जो 2 सितंबर 2023 को लांच किया जाएगा। जिसे आदित्य L1 ( Aditya L1 Mission ) नाम दिया गया है .

ISRO अब 2 सितंबर 2023 को आदित्य-एल1 (Aditya-L1) मिशन को लॉन्च करने जा रहा है. लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी. अहमदाबाद में मौजूद इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के डायरेक्टर नीलेश एम. देसाई ने कहा कि ये स्पेसक्राफ्ट तैयार है. लॉन्च के लिए रेडी है .
निलेश ने बताया है कि आदित्य L1 (Aditya L1 Mission) 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करेगा जो की 127 दिन में यह यात्रा पूरी हो जाए हो जाएगी इसको हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा जो कि सूरज और पृथ्वी के बीच जहां पर L1 प्वाइंट होता है. यह प्वाइंट सूरज और धरती के बीच में स्थित होता है. लेकिन सूरज से धरती की दूरी की तुलना में मात्र 1 फीसदी है. इस मिशन को PSLV रॉकेट से लांच किया जाएगा।
आदित्य L1 मिशन क्या है ( aditya l1 mission kya hai )
ISRO ने चंद्रमा और मंगल ग्रह के बाद अब सूर्य से जुड़ा मिशन चलाने जा रहा है यह मिशन आदित्य L1 है जो भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला होगी इसके जरिए सूर्य की स्टडी की जाएगी. सूर्य से खतरनाक किरणें निकलती रहती हैं जो यंत्रों को खराब कर देती हैं भारत सूर्य की गतिविधियों की स्टडी करेगा।
aditya L1 mission launch date and time
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब सूरज के बारे में जानकारी जुटाने के लिए आगामी 2 सितंबर 2023 को सूर्य की यात्रा के लिए निकलेगा. यह भारत का पहला सौर मिशन है भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 का 2 सितंबर 2023 को भारतीय समय के अनुसार 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण किया जाएगा.
भारत अपने चंद्रमा मिशन की सफलता के बाद अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में नए झंडे गाड़ने की तैयारी में है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) अगले महीने सूर्य मिशन की शुरुआत करने की तैयारी में है. जहां चंद्रमा तक पहुंचने में भारत को 40 दिन का समय लगा है तो वहीं भारतीय स्पेस एजेंसी ने सूरज तक पहुंचने के लिए चार महीने लंबी यात्रा की प्लानिंग की है.
धरती से लॉन्च किए जाने के बाद आदित्य L-1 मिशन (aditya L1 mission) पहले लो अर्थ ऑर्बिट में भेजा जाएगा और फिर इसे अंडाकार ऑर्बिट में भेजा जाएगा। बाद में ऑब्जर्वेटरी की कक्षा को धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा।
इस प्रक्रिया के जरिए अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकाला जाएगा।
इसके बाद से क्रूज फेज शुरू होगा और आदित्य L-1 को लाग्रेंज पॉइंट (L-1) के हेलो ऑर्बिट में भेजा जाएगा।
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