IND vs WI :पाँच मैचों की सीरीज में लगातार दो मैच हारने के बाद आखिरकार तीसरे में भारतीय टीम को एक शानदार जीत मिली है अब आशा करने है की भारतीय टीम अपनी लय को प्राप्त करेगी और आखिरी दो मैचों को जीत कर इस सीरीज को अपने नाम करेंगी अब बात करने के कल हुए मैच की जिसमें ऐसा क्या हो गया की हर क्रिकेट फेन भारतीय कप्तान हार्दिक पंड्या की आलोचना कर रहा है –

दरअसल बात उस समय की है जब भारत 17.4 में 158/3 था यहाँ से भारत को जीत के लिए 14 गेंदों पर मात्र 2 रनो की जरुरत थी इस समय स्ट्राइक पर कप्तान हार्दिक पंड्या थे और दूसरी और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे तिलक वर्मा जो 49 रन बनाकर खेल रहे थे,मैच में सत्रहवें ओवर की पांचवी गेंद पर हार्दिक छक्का मारकर मैच जीता देते है ,
लेकिन असली खेल तो यही से शुरू हुआ क्योकि यदि हार्दिक चाहते हो ओवर की आखरी दोनों गेंदों को रोककर तिलक वर्मा को अपनी लगातार दूसरी फिफ्टी और मचा जिताने का मौका दे सकते थे,क्योकि तिलक अभी युवा हे वो पिछले मैचों से टीम के लिए अच्छा खेल रहे थे ऐसे में अगर वो अपनी लगातार फिफ्टी कर पते और मैच जो जीतते तो उनके मनोबल के लिए फायदेमंद होता , अब हार्दिक की इस हरकत को देख कर क्रिकेट के चाहने वालो को वह वाकया याद आता है जब –
कुछ ऐसी ही स्थिति T-20 वर्ल्ड कप 2014 में भी बनी थी जब सेमीफाइनल भारत और दक्षिण अफ्रीका आमने सामने थे और उसे समय विराट कोहली 43 गेंदों पर 68 बनाकर खेल रहे थे माहौल ऐसा था की सारा मैच को विराट कोहली अपनी दम पर जीत की दहलीज पर लाये है तब 19वें ओवर की आखिरी गेंद पर धोनी स्ट्राइक पर थे सभी को लगा धोनी के बल्ले से एक बार फिर विनिंग शॉट्स देखने को मिलेगा लेकिन धोनी ने ऐसा नहीं किया बल्कि आखिरी गेंद को डिफेंड कर विराट को मैच जिताने का मौका दिया। कई मौके आये जब धोनी ने इस तरह के फैसले लिए केवल खेल ही खिलाडी को बड़ा नहीं बनता इस तरह के छोटे -छोटे फैसले बहुत प्रभाव डालते है।
खैर IND vs WI सीरीज के निर्णायक मैच में सूर्यकुमार की बेहतरीन बल्लेवाजी भी सराहना करनी चाहिए उन्होंने अपनी फॉर्म में वापस आकर टीम को जीत दिलाई जो इस मैच के मैन ऑफ़ दा मैच रहे। हार्दिक पंड्या की इस तरह के रुख को लेकर आपकी क्या राय है कमेंट में जरूर लिए — धन्यवाद्